याद हमें है अब तक उनका चेहरा वो मासूम भरा.
पीड़ा का अहसास किया है जख्म वो देखा सदा हरा.
लेकिन हिम्मत गजब की उसमें जाने कहां से आई है.
खूब थपेड़े खाऐ फिर भी दिखा नहीं वो जरा डरा!
पीड़ा का अहसास किया है जख्म वो देखा सदा हरा.
लेकिन हिम्मत गजब की उसमें जाने कहां से आई है.
खूब थपेड़े खाऐ फिर भी दिखा नहीं वो जरा डरा!
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