01 November 2015

Bhale hi kisi ger ki jagir thi woh

भले ही किसी गैर की जागीर थी वो,
पर मेरे दिलो की धड़कन थी वो,
मुझे मिलती तो कैसे मिलती,
किसी और के हिस्से की तकदीर थी वो..!

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