किसी के साथ जो की थीं वफ़ाएं याद करती हैं,
हमारी धूप को ठंडी हवाएं याद करती हैं.
कभी होंठों से हमने उनकी बूंदों को नहीं छूआ,
हमारी प्यास को अब वो घटाएं याद करती हैं..!
हमारी धूप को ठंडी हवाएं याद करती हैं.
कभी होंठों से हमने उनकी बूंदों को नहीं छूआ,
हमारी प्यास को अब वो घटाएं याद करती हैं..!
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